उत्तर प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों की स्थिति दयनीय होती चली जा रही है। इसका एक और उदाहरण गोरखपुर में देखने को मिला है। सोमवार सुबह नगर विधायक डॉ राधा मोहन दास अग्रवाल ने एक प्राथमिक विद्यालय का औचक निरीक्षण किया। यहां कक्षा पांच के बच्चे 127 और 49 नहीं लिख पाएं।
नगर विधायक ने 11 बजे अचानक किसी प्राथमिक विद्यालय का औचक निरीक्षण करने की सोची और नगर शिक्षा अधिकारी को अपने घर बुला लिया। इसके बाद उन्हें बिना बताए, वार्ड संख्या-3 के डिभिया स्थित प्राथमिक विद्यालय में पंहुच गए।
नगर विधायक यह देखकर दंग रह गए कि विद्यालय में सिर्फ 30 बच्चे ही उपस्थित थे, जबकि पंजीकृत बच्चों की संख्या 72 थी। उन्हें यह देखकर भी आश्चर्य हुआ कि हमेशा इससे भी कम बच्चे उपस्थित रहते हैं। रजिस्टर देखने से पता चला कि कक्षा 3 में पंजीकृत 17 बच्चों की संख्या, कक्षा 5 में घटकर 8 पंहुच गई थी।
नगर विधायक ने कक्षा 5 के बच्चों को बोर्ड पर 127 और 49 लिखने को कहा। कई बच्चे इस अंक को नहीं लिख पाए। यहां के अधिकत्तर बच्चे गुणा-भाग करना तो दूर घटाना का तरीका भी नहीं जानते थे। नगर विधायक ने उन्हीं बच्चों से सामान्य हिन्दी के वाक्य और शब्द लिखने को कहा, एक बच्ची को छोड़कर शेष बच्चे एक शब्द तक नहीं लिख पाएं।
नगर विधायक ने स्कूल में रूक कर काफी देर तक बच्चों को अंकगणित पढ़ाया और हिन्दी लिखना सिखाया। उसके बाद डॉ अग्रवाल ने बच्चों को पौष्टिक आहार का मतलब समझाया तथा स्वयं राष्ट्रगान गा कर उन्हें जन-गन-मन गाने का तरीका सिखाया। उन्होंने नगर शिक्षा अधिकारी से विद्यालय की प्रधानाध्यापिका को तुरंत सस्पेंड करने की सलाह दी।